तेज़ धूप में आई ऐसी लहर सर्दी की By Sher << शोला-ए-इश्क़ बुझाना भी नह... गुलशन-ए-दहर में सौ रंग है... >> तेज़ धूप में आई ऐसी लहर सर्दी की मोम का हर इक पुतला बच गया पिघलने से Share on: