'हातिम' उस ज़ालिम के अबरू को न छेड़ By Sher << यूँ तसल्ली दे रहे हैं हम ... यार से अब के गर मिलूँ ... >> 'हातिम' उस ज़ालिम के अबरू को न छेड़ हाथ कट जावेगा ऐ नादाँ है तेग़ Share on: