शाख़-दर-शाख़ तिरी याद की हरियाली है By Sher << फ़ैज़-ए-अय्याम-ए-बहार अहल... होता है साफ़ रू-ए-किताबी ... >> शाख़-दर-शाख़ तिरी याद की हरियाली है हम ने शादाब बहुत दिल का शजर रक्खा है Share on: