फ़ैज़-ए-अय्याम-ए-बहार अहल-ए-क़फ़स क्या जानें By Sher << जुरअत-ए-शौक़ तो क्या कुछ ... शाख़-दर-शाख़ तिरी याद की ... >> फ़ैज़-ए-अय्याम-ए-बहार अहल-ए-क़फ़स क्या जानें चंद तिनके थे नशेमन के जो हम तक पहुँचे Share on: