शाख़-ए-उरियाँ पर खिला इक फूल इस अंदाज़ से By Sher << यार ग़ुस्सा तिरी बला खावे शोर जितना है काएनात में श... >> शाख़-ए-उरियाँ पर खिला इक फूल इस अंदाज़ से जिस तरह ताज़ा लहू चमके नई तलवार पर Share on: