शक्ल इंसान की हो चाल भी इंसान की हो By Sher << ये नमाज़-ए-अस्र का वक़्त ... मुझे दे रहे हैं तसल्लियाँ... >> शक्ल इंसान की हो चाल भी इंसान की हो यूँ भी आती है क़यामत मुझे मा'लूम न था Share on: