शाम पड़ते ही किसी शख़्स की याद By Sher << तुम से बिछड़ कर ज़िंदा है... सर-बुलंदी को यहाँ दिल ने ... >> शाम पड़ते ही किसी शख़्स की याद कूचा-ए-जाँ में सदा करती है Share on: