शाम परिंदे लौट आए तो हम तिरी खोज में चल निकले By Sher << अब तो है इश्क़-ए-बुताँ मे... आज निकले याद की ज़म्बील स... >> शाम परिंदे लौट आए तो हम तिरी खोज में चल निकले फिर जंगल में रात हुई और घर का रस्ता भूल गए Share on: