अब तो है इश्क़-ए-बुताँ में ज़िंदगानी का मज़ा By ख़ुदा, Sher << आँख खुलते ही जबीं चूमने आ... शाम परिंदे लौट आए तो हम त... >> अब तो है इश्क़-ए-बुताँ में ज़िंदगानी का मज़ा जब ख़ुदा का सामना होगा तो देखा जाएगा Share on: