शामत है क्या कि शैख़ से कोई मिले कि वाँ By Sher << शिकवा न बख़्त से है ने आस... शैख़-जी माना मैं इस को तु... >> शामत है क्या कि शैख़ से कोई मिले कि वाँ रोज़ा वबाल-ए-जाँ है सदा या नमाज़ है Share on: