शरार-ए-ग़म से तिरे अलम में ये मेरे दिल के हैं दाग़ रौशन By Sher << उस रश्क-ए-चमन के तईं गर द... किया जो पहले ही दाग़ दिल ... >> शरार-ए-ग़म से तिरे अलम में ये मेरे दिल के हैं दाग़ रौशन करे दिवाली को जैसे आलम तमाम घर में चराग़ रौशन Share on: