शायद कोई बंदा-ए-ख़ुदा आए By Sher << कोई यहाँ से चल दिया रौनक़... साक़ी ज़रा निगाह मिला कर ... >> शायद कोई बंदा-ए-ख़ुदा आए सहरा में अज़ान दे रहा हूँ Share on: