आशुफ़्ता-ख़ातिरी वो बला है कि 'शेफ़्ता' By Sher << जाने क्यूँ रंग-ए-बग़ावत न... हुस्न को हुस्न बनाने में ... >> आशुफ़्ता-ख़ातिरी वो बला है कि 'शेफ़्ता' ताअत में कुछ मज़ा है न लज़्ज़त गुनाह में Share on: