शिकस्त खा चुके हैं हम मगर अज़ीज़ फ़ातेहो By Sher << भेज तो दी है ग़ज़ल देखिए ... मेरा सुक़रात को पढ़ना भी ... >> शिकस्त खा चुके हैं हम मगर अज़ीज़ फ़ातेहो हमारे क़द से कम न हो फ़राज़-ए-दार देखना Share on: