शिकस्ता-हाल सा बे-आसरा सा लगता है By Sher << सुब्ह-ए-चमन में एक यही आफ... शायद कि ख़ुदा में और मुझ ... >> शिकस्ता-हाल सा बे-आसरा सा लगता है ये शहर दिल से ज़ियादा दुखा सा लगता है Share on: