शो'ला-ए-इश्क़ तिरी चश्म-नवर्दी में नहीं By Sher << सीना-ए-शहर में है वीरानी शहर अब माँगता है साँस भी ... >> शो'ला-ए-इश्क़ तिरी चश्म-नवर्दी में नहीं मेरे सीने में उतर देख यहाँ उठता है Share on: