शोहरत की रौशनी हो कि नफ़रत की तीरगी By Sher << तुझे तो कितनी बहारें सलाम... मुझे सोने की क़ीमत मत बता... >> शोहरत की रौशनी हो कि नफ़रत की तीरगी क्या क्या उसे दिया है ख़ुदा ने पता करो Share on: