शोर करता फिर रहा हूँ ख़ुश्क पत्तों की तरह By Sher << दिल में दुख आँखों में नमी... बयाज़ पर सँभल सके न तजरबे >> शोर करता फिर रहा हूँ ख़ुश्क पत्तों की तरह कोई तो पूछे कि शहर-ए-बे-ख़बर में कौन है Share on: