सिखला रहा हूँ दिल को मोहब्बत के रंग-ढंग By Sher << मेरे ही संग-ओ-ख़िश्त से त... हमारे मय-कदे में हैं जो क... >> सिखला रहा हूँ दिल को मोहब्बत के रंग-ढंग करता हूँ मैं मकान की ता'मीर आज-कल Share on: