सिले हों लब ज़बानें बंद तो बातें नहीं होतीं By Sher << जिस के लिए बच्चा रोया था ... किस ख़ता की सज़ा मिली उस ... >> सिले हों लब ज़बानें बंद तो बातें नहीं होतीं मुख़ालिफ़ रास्ते हों तो मुलाक़ातें नहीं होतीं Share on: