जिस के लिए बच्चा रोया था और पोंछे थे आँसू बाबा ने By Sher << खुली न मुझ पे भी दीवानगी ... सिले हों लब ज़बानें बंद त... >> जिस के लिए बच्चा रोया था और पोंछे थे आँसू बाबा ने वो बच्चा अब भी ज़िंदा है वो महँगा खिलौना टूट गया Share on: