'सिराज' इन ख़ूब-रूयों का अजब मैं क़ाएदा देखा By Sher << तरफ़-ए-काबा न जा हज के लि... ज़रा ये हाथ मेरे हाथ में ... >> 'सिराज' इन ख़ूब-रूयों का अजब मैं क़ाएदा देखा बुलाते हैं दिखाते हैं लुभाते हैं छुपाते हैं Share on: