टकराऊँ क्यूँ ज़माने से क्या फ़ाएदा 'सिराज' By Sher << अश्क से मेरे बचे हम-साया ... कह रही है ये तिरी तस्वीर ... >> टकराऊँ क्यूँ ज़माने से क्या फ़ाएदा 'सिराज' ख़ुद अपने रास्ते से हटा जा रहा हूँ मैं Share on: