सोज़-ए-ग़म से अश्क का एक एक क़तरा जल गया By गिर्या ओ ज़ारी, Sher << हमारे एक दिल को उन की दो ... इक इशारा सर-ए-महफ़िल जो क... >> सोज़-ए-ग़म से अश्क का एक एक क़तरा जल गया आग पानी में लगी ऐसी कि दरिया जल गया Share on: