सुब्ह तक जाने कहाँ मुझ को उड़ा कर ले जाए By Sher << तू रोज़ जिस के तजस्सुस मे... फूल है जो किताब में अस्ल ... >> सुब्ह तक जाने कहाँ मुझ को उड़ा कर ले जाए एक आँधी जो सर-ए-शाम चली है मुझ में Share on: