सुबू-ए-फ़लसफ़ा-ए-इशक़-ओ-कहकशान-ए-हयात By Sher << ज़रा सी बात नहीं है किसी ... तो ही ज़ाहिर है तू ही बात... >> सुबू-ए-फ़लसफ़ा-ए-इशक़-ओ-कहकशान-ए-हयात शुआ-ए-क़हर-ए-तबस्सुम, चराग़-ए-दीदा-ए-नम Share on: