सुख़न-वरी का बहाना बनाता रहता हूँ By Sher << उफ़ वो आँखें मरते दम तक ज... सिक्का अपना नहीं जमता है ... >> सुख़न-वरी का बहाना बनाता रहता हूँ तिरा फ़साना तुझी को सुनाता रहता हूँ Share on: