सुन रहा हूँ अभी तक मैं अपनी ही आवाज़ की बाज़गश्त By Sher << शामिल हूँ क़ाफ़िले में मग... मैं तुझे फिर ज़मीं दिखाऊँ... >> सुन रहा हूँ अभी तक मैं अपनी ही आवाज़ की बाज़गश्त यानी इस दश्त में ज़ोर से बोलना भी अकारत गया Share on: