सुना है हर घड़ी तू मुस्कुराता रहता है By Sher << ज़ेहन की आवारगी को भी पना... शहर में जीना है चलना दो-र... >> सुना है हर घड़ी तू मुस्कुराता रहता है मुझे भी जज़्ब ज़रा कर के जिस्म-ओ-जाँ में मिला Share on: