सुनाई देती है सात आसमाँ में गूँज अपनी By Sher << नक़्द-ए-दिल-ए-ख़ालिस कूँ ... ज़रा नक़ाब-ए-हसीं रुख़ से... >> सुनाई देती है सात आसमाँ में गूँज अपनी तुझे पुकार के हैरान उड़ते फिरते हैं Share on: