सुनने में आ रहे हैं मसर्रत के वाक़िआत By Sher << रक़ीब देख सँभल कर के सामन... कितने लहजों के ग़िलाफ़ों ... >> सुनने में आ रहे हैं मसर्रत के वाक़िआत जम्हूरियत का हुस्न नुमायाँ है आज-कल Share on: