सुनो समुंदर की शोख़ लहरो हवाएँ ठहरी हैं तुम भी ठहरो By Sher << मेरी मानिंद ख़ुद-निगर तन्... बढ़ते बढ़ते आतिश-ए-रुख़्स... >> सुनो समुंदर की शोख़ लहरो हवाएँ ठहरी हैं तुम भी ठहरो वो दूर साहिल पे एक बच्चा अभी घरौंदे बना रहा है Share on: