तफ़रीक़ हुस्न-ओ-इश्क़ के अंदाज़ में न हो By Sher << उन को हँसा रही है जामा-दर... शब-ए-हिज्र यूँ दिल को बहल... >> तफ़रीक़ हुस्न-ओ-इश्क़ के अंदाज़ में न हो लफ़्ज़ों में फ़र्क़ हो मगर आवाज़ में न हो Share on: