उन को हँसा रही है जामा-दरी हमारी By Sher << वहशत वहशत तिरी तफ़रीह का ... तफ़रीक़ हुस्न-ओ-इश्क़ के ... >> उन को हँसा रही है जामा-दरी हमारी परवान चढ़ रही है दीवानगी हमारी Share on: