टहलते फिर रहे हैं सारे घर में By Sher << बता नसीब-ए-नशेमन मैं क्या... ज़िंदगी अब तुझे सँवारें क... >> टहलते फिर रहे हैं सारे घर में तिरी ख़ाली जगह को भर रहे हैं Share on: