ताक़ पर जुज़दान में लिपटी दुआएँ रह गईं By Sher << जिस तरह हम रहे दुनिया में... क़त्ल का इतना शोर हुआ है >> ताक़ पर जुज़दान में लिपटी दुआएँ रह गईं चल दिए बेटे सफ़र पर घर में माएँ रह गईं Share on: