क़त्ल का इतना शोर हुआ है By Sher << ताक़ पर जुज़दान में लिपटी... यूँ तो मुमकिन नहीं दुश्मन... >> क़त्ल का इतना शोर हुआ है देख रहा हूँ ख़ुद को छू कर Share on: