तक़दीर के चेहरे की शिकन देख रहा हूँ By Sher << तू रईस-ए-शहर-ए-सितम-गराँ ... सहम कर ऐ 'ज़फ़र' ... >> तक़दीर के चेहरे की शिकन देख रहा हूँ आईना-ए-हालात है दुनिया तेरी क्या है Share on: