तख़्लीक़ अँधेरों से किए हम ने उजाले By Sher << हम अपना इश्क़ चमकाएँ तुम ... नीली छत पे ला-महदूद परिंद... >> तख़्लीक़ अँधेरों से किए हम ने उजाले हर शब को इक ऐवान-ए-सहर हम ने बनाया Share on: