नीली छत पे ला-महदूद परिंदे थे By Sher << तख़्लीक़ अँधेरों से किए ह... ये जो दीवार पे कुछ नक़्श ... >> नीली छत पे ला-महदूद परिंदे थे आज किसी ने अश्क बहा कर रक़्स किया Share on: