तख़्लीक़ ख़ुद किया था कल अपने में एक घर By Sher << आरज़ूओं ने कई फूल चुने थे... ज़बाँ पे नाम-ए-मोहब्बत भी... >> तख़्लीक़ ख़ुद किया था कल अपने में एक घर अब घर से ख़ल्क़ चंद मकीं कर रहे हैं हम Share on: