तकिया अगर नसीब हो ज़ानू-ए-यार का By Sher << तेग़-ए-इरफ़ाँ से रूह बिस्... कोई फल पाएगा क्या तुख़्म-... >> तकिया अगर नसीब हो ज़ानू-ए-यार का मैं ऐसी नींद सोऊँ कि साबित हो मर गया Share on: