तालिब-ए-दोस्त अलग रहते हैं सब से उन को By Sher << मैं तो अब शहर में हूँ और ... हुए मदफ़ून-ए-दरिया ज़ेर-ए... >> तालिब-ए-दोस्त अलग रहते हैं सब से उन को पास-ए-असनाम नहीं ख़्वाहिश-ए-इस्लाम नहीं Share on: