तमाम उम्र क़फ़स में गुज़ार दी हम ने By Sher << बे-ख़ुदी ले गई कहाँ हम को सब इक चराग़ के परवाने होन... >> तमाम उम्र क़फ़स में गुज़ार दी हम ने ख़बर नहीं कि नशेमन की ज़िंदगी क्या है Share on: