बे-ख़ुदी ले गई कहाँ हम को By बेख़ुदी, इंतिज़ार, Sher << पर नहीं होते ख़यालों के त... तमाम उम्र क़फ़स में गुज़ा... >> बे-ख़ुदी ले गई कहाँ हम को देर से इंतिज़ार है अपना Share on: