तमाम उम्र हवा की तरह गुज़ारी है By Sher << दिल लिया ताब-ओ-तवाँ ले चु... नई फ़ज़ा में नई दोस्ती पन... >> तमाम उम्र हवा की तरह गुज़ारी है अगर हुए भी कहीं तो कभू कभू हुए हम Share on: