तमाम उम्र रहे मेरा मुंतज़िर तू भी By Sher << पस-ए-पर्दा बहुत बे-पर्दगी... ख़ामोश खड़ा हूँ मैं दर-ए-... >> तमाम उम्र रहे मेरा मुंतज़िर तू भी तमाम उम्र मिरे इंतिज़ार को तरसे Share on: