तमाम वहम ओ गुमाँ है तो हम भी धोका हैं By Sher << सदियों तक एहतिमाम-ए-शब-ए-... बे-ख़ुदी में इक ख़लिश सी ... >> तमाम वहम ओ गुमाँ है तो हम भी धोका हैं इसी ख़याल से दुनिया को मैं ने प्यार किया Share on: