तन्हाई की दुल्हन अपनी माँग सजाए बैठी है By Sher << है क़यामत तिरे शबाब का रं... ग़म सिवा इश्क़ का मआल नही... >> तन्हाई की दुल्हन अपनी माँग सजाए बैठी है वीरानी आबाद हुई है उजड़े हुए दरख़्तों में Share on: