है क़यामत तिरे शबाब का रंग By Sher << वस्ल का गुल न सही हिज्र क... तन्हाई की दुल्हन अपनी माँ... >> है क़यामत तिरे शबाब का रंग रंग बदलेगा फिर ज़माने का Share on: